सुख दुःख का ताना बाना है जीवन दोनों संग संग चलते
एक दूजे के बिना अधूरे निभाते आजीवन रिश्ते
सुख दुःख चलते दायें बाएं सम्मुख चलता पथ का प्रमाद
ऐसी इनकी महीन बुनावट चाह कर भी न कर सकते अलग
सुख की बगिया में दुःख के कांटे जीवन का सफर संवारते
जैसे मीठे में नमक की चुटकी नमक मीठे की स्वाद बढ़ाते
एक दूजे के बिना अधूरे निभाते आजीवन रिश्ते
सुख दुःख चलते दायें बाएं सम्मुख चलता पथ का प्रमाद
ऐसी इनकी महीन बुनावट चाह कर भी न कर सकते अलग
सुख की बगिया में दुःख के कांटे जीवन का सफर संवारते
जैसे मीठे में नमक की चुटकी नमक मीठे की स्वाद बढ़ाते
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